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गजब लव शायरी | gajab love shayari in Hindi

 गजब लव शायरी | gajab love shayari in Hindi

तेरी हालत से लगता है तेरा अपना था कोई...!!

इतनी सादगी से बरबाद कोई गैर नहीं करता...!!

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होता है जिस जगह मेरी बर्बादियों का जिक्र...!!

साहब तुम्हारा भी नाम लेती है दुनिया कभी-कभी...!!

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वैसे तो सहाब तुम्हीं ने मुझे बर्बाद किया है...!!

इल्ज़ाम किसी और के सर जाए तो अच्छा है...!!

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ये दुनिया सहाब तुम्हें एक पल में बरबाद कर देगी...!!

मोहब्बत हो भी जाए तो उसे मशहूर मत करना...!!

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आसान नहीं आबाद करना घर मोहब्बत का...!!

ये उनका काम है जो ज़िन्दगी बर्बाद करते हैं...!!

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फ़रिश्ते ही होंगे जिनका हुआ इश्क़ मुकम्मल...!!

इंसानों को तो हमने सिर्फ बर्बाद होते देखा है...!!

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कोई तुम्हे तुम्हारी मंजिल से दूर कर दे...!

यह इतनी आसान बात नहीं हैं...!!

मेहनत करो और तोड़ दो ताला...!

ये सपने हैं तुम्हारे, किसी की जायदाद नहीं हैं...!!

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कुछ लोग पसंद करने लगे हैं अल्फाज मेरे...!!

मतलब मोहब्बत में बरबाद और भी हुए हैं...!!

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हक़ीक़त ना सही तुम...!

ख़्वाब की तरह मिला करो...!!

भटके हुए मुसाफिर को...!

चांदनी रात की तरह मिला करो...!!

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दो अश्क मेरी याद में बहा जाते तो क्या जाता...!

चन्द कालियां लाश पे बिछा जाते तो क्या जाता...!!

आये हो मेरी मय्यत पर सनम नक़ाब ओढ़ कर तुम...!

अगर ये चांद का टुकडा दिखा जाते तो क्या जाता...!!

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मैं कुछ लम्हा और तेरा साथ चाहता था...!

आँखों में जो जम गयी वो बरसात चाहता था...!!

सुना हैं मुझे बहुत चाहती है वो मगर...!

मैं उसकी जुबां से एक बार इज़हार चाहता था...!!

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चलो आज खामोश प्यार को एक नाम दे दें...!

अपनी मुहब्बत को इक प्यारा अंज़ाम दे दें...!!

इससे पहले कहीं रूठ न जाएँ मौसम अपने...!

धड़कते हुए अरमानों एक सुरमई शाम दे दें...!!

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उम्मीदें जुड़ी हैं तुझसे टूटने मत देना...!

दिल एक मोम है पिघलने मत देना...!!

दिल ने चाहा है उसे आज पता चला...!

इस धड़कन को कभी बंद होने मत देना...!!

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चलते-चलते मेरे कदम हमेशा यही सोचते हैं...!!

कि किस ओर जाऊं जो तू मिल जाये...!!

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तेरी आरजू में सनम हम दीवाने हो गए...!

तुझे अपना बनाते बनाते बेगाने हो गए...!!

कर दे एक बार याद अपने दिल से...!

तेरे दिल की आवाज़ सुने ज़माने हो गए...!!

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दिल में रह रह के शोर उठता है...!!

कोई रहता है इस मकान में क्या...!!

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सदा-ए-दिल को कहीं बारयाब होना था...!!

मेरे सवाल का कुछ तो जवाब होना था...!!

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कैसे उस को दिल की हालत समझाऊँ...!!

बात करूँ तो सहाब आँख चुराने लगता है...!!

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हमें न मोहब्बत मिली न प्यार मिला...!

हम को जो भी मिला बेवफा यार मिला...!!

अपनी तो बन गई तमाशा ज़िन्दगी...!

हर कोई मकसद का तलबगार मिला...!!

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भले किसी ग़ैर की जागीर थी वो...!

पर मेरे ख्वाबों की तस्वीर थी वो...!!

मुझे मिलती तो कैसी मिलती...!

किसी और के हिस्से की तकदीर थी वो...!!

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