maa shayari 2 lines in hindi english | मां शायरी हिंदी में टू लाइन
मेरी ख़्वाहिश है कि मैं फिर से फ़रिश्ता हो जाऊँ
माँ से इस तरह लिपट जाऊँ कि बच्चा हो जाऊँ
मुनव्वर राना
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अपनी माँ को कभी न देखूँ तो चैन नहीं आता है
दिल न जाने क्यों माँ का नाम लेते ही बहल जाता है
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माँ पर शेर
प्यार की बात भले ही करता हो जमाना
मगर प्यार आज भी “माँ “से शुरू होता हैं
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यूं ही नहीं गूंजती किल्कारीयां घर आँगन के हर कोने में
जान हथेली पर रखनी पड़ती है ‘माँ’ को ‘माँ’ होने में
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माँ के लिए दुआ
इस तरह मेरे गुनाहों को वो धो देती है
माँ बहुत ग़ुस्से में होती है तो रो देती है
मुनव्वर राना
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मेरी तक़दीर में एक भी गम ना होता
अगर तक़दीर लिखने का हक़ मेरी माँ को होता
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मां के लिए दो शब्द
अब भी चलती है जब आँधी कभी ग़म की ‘राना’
माँ की ममता मुझे बाहों में छुपा लेती है
मुनव्वर राना
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मैंने कल शब चाहतों की सब किताबें फाड़ दी,
सिर्फ एक कागज़ पर लफ्जे माँ रहने दिया
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माँ के लिए स्टेटस 2 line in English
मुसीबत के दिनों में हमेशा साथ रहती है
पयम्बर क्या परेशानी में उम्मत छोड़ सकता है
मुनव्वर राना
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भूल जाता हूँ परेशानियां ज़िंदगी की सारी
माँ अपनी गोद में जब मेरा सर रख देती हैं
सलमान फ़हीम
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माँ पर कुछ लाइन्स
मैंने रोते हुए पोंछे थे किसी दिन आँसू
मुद्दतों माँ ने नहीं धोया दुपट्टा अपना
मुनव्वर राना
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चलती फिरती आँखों से अज़ाँ देखी है,
मैंने जन्नत तो नहीं देखी है माँ देखी है।
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माँ का दूध शायरी
जब तक रहा हूँ धूप में चादर बना रहा
मैं अपनी माँ का आखिरी ज़ेवर बना रहा
मुनव्वर राना
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ख़ुदा ने ये सिफ़त दुनिया की हर औरत को बख्शी है,
कि वो पागल भी हो जाए तो बेटे याद रहते है।।
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माँ पर शायरी हिंदी में इमेज
बाँट के अपना चेहरा, माथा, आँखें, जाने कहाँ गयी
फटे पुराने इक एलबम, में चंचल लड़की जैसी माँ
निदा फ़ाज़ली
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नींद भी भला इन आँखों में कहाँ आती है
एक अर्से से मैंने अपनी माँ को नहीं देखा
सलमान फ़हीम
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माँ के लिए स्टेटस 1 Line
बालाएं आकर मेरी चौखट से लौट जाती हैं
मेरी माँ की दुआएं भी कितना असर रखती हैं
सलमान फ़हीम
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गरीब हुई तो क्या, माँ फिर भी उसका ख्याल रखती है
बेटे के लिए रोटी का टुकड़ा, खुद के लिए पतीले की खुरचन रखती है
सलमान फ़हीम
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माँ के लिए स्टेटस Sad
मैंने कल शब चाहतों की सब किताबें फाड़ दी,
सिर्फ एक कागज़ पर लफ्जे माँ रहने दिया
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हवा दुखों की जब आई कभी ख़िज़ाँ की तरह
मुझे छुपा लिया मिट्टी ने मेरी माँ की तरह
अज्ञात
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माँ की तारीफ में शायरी in English
ख़ुदा ने ये सिफ़त दुनिया की हर औरत को बख्शी है,
कि वो पागल भी हो जाए तो बेटे याद रहते है।।
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ख़ुद को इस भीड़ में तन्हा नहीं होने देंगे
माँ तुझे हम अभी बूढ़ा नहीं होने देंगे
मुनव्वर राना
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ऐ अँधेरे! देख ले मुँह तेरा काला हो गया
माँ ने आँखें खोल दीं घर में उजाला हो गया
मुनव्वर राना
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हादसों की गर्द से ख़ुद को बचाने के लिए
माँ ! हम अपने साथ बस तेरी दुआ ले जायेंगे
मुनव्वर राना
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जब भी देखा मेरे किरदार पे धब्बा कोई
देर तक बैठ के तन्हाई में रोया कोई
मुनव्वर राना
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यहीं रहूँगा कहीं उम्र भर न जाउँगा
ज़मीन माँ है इसे छोड़ कर न जाऊँगा
मुनव्वर राना
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देख ले ज़ालिम शिकारी ! माँ की ममता देख ले
देख ले चिड़िया तेरे दाने तलक तो आ गई
मुनव्वर राना
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गले मिलने को आपस में दुआयें रोज़ आती हैं
अभी मस्जिद के दरवाज़े पे माएँ रोज़ आती हैं
मुनव्वर राना
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कभी-कभी मुझे यूँ भी अज़ाँ बुलाती है
शरीर बच्चे को जिस तरह माँ बुलाती है
मुनव्वर राना
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ऐ रात मुझे माँ की तरह गोद में ले ले
दिन भर की मशक़्क़त से बदन टूट रहा है
तनवीर सिप्रा
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शायद यूँही सिमट सकें घर की ज़रूरतें
‘तनवीर’ माँ के हाथ में अपनी कमाई दे
तनवीर सिप्रा
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दुआ को हाथ उठाते हुए लरज़ता हूँ
कभी दुआ नहीं माँगी थी माँ के होते हुए
इफ़्तिख़ार आरिफ़
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किसी को घर मिला हिस्से में या कोई दुकाँ आई
मैं घर में सब से छोटा था मेरे हिस्से में माँ आई
मुनव्वर राना
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अभी ज़िन्दा है माँ मेरी मुझे कु्छ भी नहीं होगा
मैं जब घर से निकलता हूँ दुआ भी साथ चलती है
मुनव्वर राना