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gulzar sahab ki shayari| गुलजार शायरी

 gulzar sahab ki shayari| गुलजार शायरी


आ रही है जो चाप क़दमों की
खिल रहे हैं कहीं कँवल शायद
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आप के बाद हर घड़ी हम ने
आप के साथ ही गुज़ारी है
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Heart Touching गुलजार की शायरी

दिन कुछ ऐसे गुज़ारता है कोई
जैसे एहसान उतारता है कोई
आइना देख कर तसल्ली हुई
हम को इस घर में जानता है कोई
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आँखों से आँसुओं के मरासिम पुराने हैं
मेहमाँ ये घर में आएँ तो चुभता नहीं धुआँ
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Gulzar Shayari Love

यूँ भी इक बार तो होता कि समुंदर बहता
कोई एहसास तो दरिया की अना का होता
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तुम्हारी ख़ुश्क सी आँखें भली नहीं लगतीं
वो सारी चीज़ें जो तुम को रुलाएँ, भेजी हैं
Tumhaaree Khushk See Aankhen Bhalee Nahin Lagteen
Vo Saaree Cheezen Jo Tum Ko Rulaen, Bhejee Hain..!!
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गुलजार शायरी motivational

आइना देख कर तसल्ली हुई
हम को इस घर में जानता है कोई 
Aaina Dekh Kar Tasallee Huee
Ham Ko Is Ghar Mein Jaanata Hai Koee..!!
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दिन कुछ ऐसे गुज़ारता है कोई
जैसे एहसान उतारता है कोई
Din Kuchh Aise Guzaarata Hai Koee
Jaise Ehasaan Utaarata Hai Koee..!!
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गुलजार शायरी दोस्ती

आप के बाद हर घड़ी हम ने
आप के साथ ही गुज़ारी है
Aap Ke Baad Har Ghadee Ham Ne
Aap Ke Saath Hee Guzaaree Hai..!!
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यूँ भी इक बार तो होता कि समुंदर बहता
कोई एहसास तो दरिया की अना का होता
Yu Bhee Ik Baar To Hota Ki Samundar Bahta
Koee Ehasaas To Dariya Kee Ana Ka Hota..!!
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गुलजार की शायरी जिंदगी

जागना भी काबुल है तेरी यादों में रातभर,
तेरे अहसासों में जो सुकून है वो नींद में कहाँ !
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बड़ा गजब किरदार है मोहब्बत का,
अधूरी हो सकती है मगर खत्म नहीं !
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गुलजार की शायरी दर्द भरी

ऐसा कोई जिंदगी से वादा तो नही था,
तेरे बिना जीने का इरादा तो नही था !
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वो एक मुकम्मल गजल है,
टूटा हुआ मैं हर्फ हूँ
उसमे भरी नूरानीयत,
और मैं जरा कमज़र्फ हूँ !
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मंजिल भी उसकी थी रास्ता भी उसका था,
एक हम अकेले थे काफिला भी उसका था !

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