allama iqbal shayari in hindi | अल्लामा इकबाल शेर शायरी हिंदी

allama iqbal shayari in hindi | अल्लामा इकबाल शेर शायरी हिंदी

Hai Iqbal ke vajud pe hindostāñ ko naaz
Ahl-e-nazar samajhte haiñ us ko imām-e-hind.
____________________________________

Nahi Tera naseman kasre sulltaanik
Gummbad par tu Saahi hai
basera kar pahadoo ki chattanoo par.
____________________________________

Vatan ki fikr kar nādāñ musibat aane vaali hai
Tiri barbādiyoñ ke mashvare haiñ
äsmānoñ meñ.
____________________________________

अल्लामा इकबाल देश भक्ति शायरी

अनोखी वजा हैं, सारे ज़माने से निराले हैं 
ये आशिक़ कौन सी बस्ती के या रब रहने वाला हैं। 
____________________________________

दियार-इ-इश्क़ में अपना मक़ाम पैदा कर ,
नया ज़माना नई सुबह-ओ-शाम पैदा कर। 
____________________________________

अपने मन में डूब कर पा जा सुराग़-इ-ज़िंदगी,
तू अगर मेरा नहीं बनता न बन, अपना तो बन। 
____________________________________

Allama Iqbal Islamic shayari

नशा पिला के गीराना तो सब को आता है,
मज़ा तो जब है के गिरतों को थाम ले साकी!!
____________________________________

और भी कर देताहै दर्द में इज़ाफ़ा,
तेरे होते हुए गैरों का दिलासा देना।
____________________________________

महीने-वस्ल के घड़ियों की ‘सूरत’ उड़ते जाते हैं,
मगर घड़ियाँ जुदाई की गुज़रती हैं महीनों में।
____________________________________

ग़ुरबत में हों अगर हम, रहता है दिल वतन में,
समझो वहीं हमें भी, दिल हो जहाँ हमारा।
____________________________________

Allama iqbal Shayari in english

मिटा दे अपनी हस्ती को गर कुछ मर्तबा चाहिए,
कि दाना खाक में मिलकर, गुले-गुलजार होता है।
____________________________________

जानते हो तुम भी फिर भी अजनान बनते हो,
इस तरह हमें ”परेशान” करते हो,
पूछते हो ‘तुम्हे’ किया पसंद है,
जवाब खुद हो फिर भी सवाल करते हो।
____________________________________

Jish Khet Se Dahqan ko Mayassar Nahin
Rozi Ush Khet Ke Har Khosha-E-Gandum
Ko Jala Do.
____________________________________

Ham Se Kya ho Saka Mohabbat Mein
Khair Tum Ne To Bevafai Ki.
____________________________________

Allama iqbal shayari urdu hindi

इश्क़ क़ातिल से भी मक़तूल से हमदर्दी भी,
यह बता किस से मुहब्बत की जज़ा मांगेगा,
सजदा ख़ालिक़ को भी इबलीस से याराना भी,
हसर में किस से अक़ीदत का सिला मांगेगा।
____________________________________

फूलों की “पत्तियों” से कट सकता है ‘हीरे’ का जिगर
मर्दे नादान पर #कलाम-ऐ-नरम-ऐ-नाज़ुक बेअसर
____________________________________

नशा पिला कर गिराना तो सब को आता है,
मज़ा तो जब है के गिरतों को थाम ले साक़ी।
____________________________________

इक़रार ऐ #मुहब्बत ऐहदे ऐ-वफ़ा सब झूठी सच्ची बातें हैं #इक़बाल.
हर शख्स खुदी की “मस्ती” में बस अपने खातिर जीता है
____________________________________

Allama iqbal best Shayari hindi

बड़े इसरार पोशीदा हैं इस तन्हाई ”पसंदी” में,
ये न समझो कि ”दीवाने” जहनदीदा नहीं होते,
ताजुब क्या अगर इक़बाल इस_दुनिया तुझ से नाखुश है,
सारे लोग ”दुनिया” में पसंददीदा नहीं होते।
____________________________________

दुनिया की “महफ़िलों” से उकता गया हूँ या रब,
क्या लुत्फ़ अंजुमन का जब_दिल ही बुझ गया हो।
____________________________________

हज़ारों साल_नर्गिस अपनी बे-नूरी पर रोती है,
बड़ी मुश्किल से होता है, #चमन में दीदावर पैदा.
____________________________________

बे-ख़तर ”कूद” पड़ा आतिश-ए-नमरूद में इश्क़
अक़्ल है महव-ए-तमाशा-ए-लब-ए-बाम अभी

Post a Comment

Previous Post Next Post