pita shayari | पिता शायरी
पिता से ही बच्चों के ढेर सारे सपने हैं,
पिता है तो बाजार के सब खिलौने अपने हैं.
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घने वृक्ष के छाँव से, पिता यहाँ आकाश।
घर के आंगन में रहे, बनकर सदा प्रकाश।।
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पिता के सम्मान में दो शब्द
पिता की ऊँगली पकड़कर चलो
तो हर तरफ राह ही राह होती है,
जीवन में पिता के होने से
जिंदगी कितनी बेपरवाह होती है.
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दिल की दर्द छुपाकर मुस्कुराते है पापा,
कंधे पर उठाकर दुनिया दिखाते है पापा,
ना जाने कैसे मेरे कुछ कहें बिना ही
मेरे दिल की बात जान जाते हैं पापा.
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पिता के लिए कुछ शब्द
मुसीबत से बचाकर, लड़ना सिखाते है,
जीवन में शुभ-मंगल की तरह होते है,
गौर से सोचों तो पिता जिंदगी में
कर्ण के कवच-कुंडल की तरह होते है.
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पापा आप मेरा वो गुरुर है,
जो कोई भी कभी भी नहीं तोड़ सकता
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स्वर्गीय पिता पर शायरी
ज़िन्दगी जीने का मज़ा तो आपसे मांगे हुए सिक्कों से था,
“पापा” हमारी कमाई से तो ज़रूरतें भी पूरी नहीं होती..!!
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जिस दिन लोग कहे बेटा बाप जैसा है,
वो मेरी जिंदगी की सबसे बड़ी उपलब्धि
होगी। ..!!
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पिता पर शायरी रेख़्ता
कुछ लोगों का प्यार कभी नहीं बदलता,
उन्हें ही माँ – बाप कहते है..!!
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मेरे पिता मुझसे हमेशा कहा करते थे कि जब तुम मरो,
उस समय यदि तुम्हारे पांच अच्छे दोस्त हैं तो तुम्हारी ज़िन्दगी अच्छी रही है..!!
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पिता के लिए अनमोल वचन
“इस संसार का सबसे भारी शब्द : ज़िम्मेदारी..
यदि वह जीवित हो जाए तो कैसा दिखेगा? -
'पिता ' जैसा.....”?
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मुझे रख दिया छाँव में खुद जलते रहे धूप में,
मैंने देखा है ऐसा एक फरिश्ता अपने पिता के रूप में।
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पापा के लिए दो लाइन
पिता हारकर बाज़ी हमेशा मुस्कुराया,
शतरंज की उस जीत को मैं अब समझ पाया।
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दुनिया की भीड़ में सबसे करीब जो है,
मेरे पापा मेरे खुदा मेरी तकदीर वो है।
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जो हमें खुश रखने के लिए अपने सारे दुःख छुपाते है
खुद भूखे रहते है पहले हमे खिलते है
मत करना यारो अपमान कभी उस इन्सान का
क्योकि धरती पर भगवान का साया माता-पिता कहलाते है।
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नहीं समझ पा रहा हूँ कैसे करू तारीफ आपकी
वो लफ्ज नहीं है मेरे पास जो एहमियत बता सके आपकी।
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मुझे मोहब्बत है अपने हाथों की सब लकीरों से,
ना जाने पापा ने कौनसी ऊँगली को पकड़कर चलना सिखाया था।