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ghalib sad shayari | गालिब शायरी

ghalib sad shayari | गालिब शायरी 

ghalib sad shayari | गालिब शायरी

मोहब्बत में नहीं है फ़र्क़ जीने और मरने का
उसी को देख कर जीते हैं जिस काफ़िर पे दम निकले
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Mirza ghalib wikipedia in hindi

दर्द जब दिल में हो तो दवा कीजिए,
दिल ही जब दर्द हो तो क्या कीजिए।
Dard jab dik me ho to dawa kijiye,
Dil hi jab dard ho to kya kijiye.
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मिर्जा गालिब के आसार

ज़िन्दगी से हम अपनी कुछ उधार नही लेते,
कफ़न भी लेते है तो अपनी ज़िन्दगी देकर।
Zindagi se hum apni kuch udhar nahi lete,
Kafan bhi lete hai to apni zindgi dekar.
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दर्द भरी शायरी राइटिंग में

सिसकियाँ लेता है वजूद मेरा गालिब,
नोंच नोंच कर खा गई तेरी याद मुझे।
Siskiyan Leta Hai Wajood Mera Galib,
Nonch Nonch Kar Kha Gayi Teri Yaad Mujhe.
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मिर्ज़ा ग़ालिब शायरी इन उर्दू

दिल से तेरी निगाह जिगर तक उतर गई
दोनों को इक अदा में रज़ामंद कर गई
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मीर की शायरी

हम तो फना हो गए उसकी आंखे देखकर गालिब,
न जाने वो आइना कैसे देखते होंगे।
Hum to fana ho gaye 
uski aankhe dekhkar ghalib,
Naa jane wo aaina kaise dekhte honge.
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मिर्जा गालिब की गजलें

हम न बदलेंगे वक़्त की रफ़्तार के साथ,
जब भी मिलेंगे अंदाज पुराना होगा।
Hum na badlenge waqt ki raftaar ke sath,
Jab bhi milenge andaz purana hoga.
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अपनों पर दर्द भरी शायरी

मैं नादान था जो वफ़ा को तलाश करता रहा ग़ालिब
यह न सोचा के
एक दिन अपनी साँस भी बेवफा हो जाएगी
Main nadan tha jo 
wafa ko talash krta raha ghlaib,
Yeh naa socha ki
Ek din apni saans bhi bewafa ho jaegi.
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मिर्जा गालिब के दोहे

इश्क़ ने ग़ालिब निकम्मा कर दिया।
वर्ना हम भी आदमी थे काम के
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ग़ालिब प्रेम शायरी

खैरात में मिली ख़ुशी मुझे अच्छी नहीं लगती ग़ालिब,
मैं अपने दुखों में रहता हु नवाबों की तरह।
Khairat me mili khushi
 mujhe acchi nahi lgti ghalib,
Main apne dukho me rhta hu 
nawabo ki tarah.
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ग़ालिब जुदाई शायरी

जब लगा था तीर तब इतना दर्द न हुआ ग़ालिब
ज़ख्म का एहसास तब हुआ 
जब कमान देखी अपनों के हाथ में।
Jab laga tha teer tab itna dard naa hua ghalib,
Zakhm ka ehsaas tab hua
Jab kamaan dekhi apno ke hath me.
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दीवान-ए-ग़ालिब इन हिंदी

है कुछ ऐसी ही बात जो चुप हूँ
वर्ना क्या बात करनी नहीं आती.....

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