boyfriend deep love love shayari | बॉयफ्रेंड डीप लव लव शायरी
मोहब्बत शायरी:
तुम्हारे होंठ पे बनी हर लकीर याद है मुझे,
सोचो मैंने तुम्हे कितनी सिद्त से पढ़ा है ।
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तुम्हें ग़ज़लों का गीत लिखता हूं ,
तुम्हें शायर की शायरी लिखता हूं ।
लबों पे लब की प्यास लिखता हूं,
मयखाने की पुरानी शराब लिखता हूं ।
शब्दो मे लिखूं तुम्हे वो शब्द ही नही,
तुमपर मैं इक पूरी किताब लिखता हूं
दर्द ए जिगर,दवा बेअसर,तुम्हें
मैं अपने दिल का इलाज लिखता हूं ।
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तू नहीं तो तेरे जैसा भी नहीं,
ख़्याल तेरा ही रहा....
ख़्वाब भी तेरे ही रहेंगे...!!
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कभी तड़प, कभी यादें,
कभी फ़िक्र से भी होती है,
ज़रूरी नहीं है के मुहब्बत
बयां ज़िक्र से ही होती है।।
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जी रहे हैं दिल में आरजू तुम्हारी लेकर,
बेसब्र दिल और इश्क़ की खुमारी लेकर,
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आए जो कभी याद पुकार लेना बेफिकर
हम चले आएँगे तुम करना न फिकर।
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कलम एहसास लिखती है..
और तुम कागज़ पे उतर जाते हो..!!
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हम नहीं कहते हैं कि
हमें जिंदगी का हिस्सा बनाए रखना,
बस दूर होकर भी दुरियां न लगे,
इतना सा रिश्ता बनाए रखना....!!
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आज न नींद आयी न ख़्वाब आये,
तुम जो ख़्यालों में बेहिसाब आए।
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ना किसी चीज की उम्मीद है तुमसे,
ना कोई वादा करना तुम,
जब बुरे वक्त से गुजरू मैं,
हो सके तो इश्क थोड़ा ज्यादा करना तुम।।
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डूबना एक-दूसरे की आँखों में
इज़हार-ए-इश्क़ ये कम तो नहीं,
तुम्हारे नहीं तो किसी और के भी नहीं
ये वादा वफ़ा निभाने से कम तो नहीं।
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तुम्हारा ख्याल जो आया दिल में
फिर किसी का ख्याल नही आया ...!
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मुझसे मत पूछ ठिकाना मेरा,
तुझ में ही "लापता" हूँ कही..!!
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इस एक बात ने ताऊम्र मुझे उसका होने न दिया,
कि इश़्क मुक़म्मल हो जाए तो इश़्क नहीं रहता !!
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एक बोसे के भी नसीब न हों,
होंठ इतने भी अब ग़रीब न हों।
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आपको लगती हैं तो लग जाएं,
मुर्शिद हम तो नजरें भर के देखेंगे🙈
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पाकर पनाह तेरे दिल में महबूब
हम मुक्कमल दीवाने हो जाएंगे...
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बस दे दे तू पता अपने दिल का
हम भी वहाँ अपना आशियाना बनायेंगे।
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मेरी मुश्किल बढ़ा देता है उनके होंठों का तिल,
और वो कहते है मुझसे नज़र मिला के बात करो..!
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कोरे कागज सी इस जिंदगी पर जो भी लफ्ज़ उकेरे हैं...
इनमें ज़िक्र सिर्फ उनका हैं जो मेरे ना होकर भी मेरे हैं...❤️
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इक हीर है जिसकी आँखों पर मरता है शहर सारा,
इक राँझा है, जिसकी हीर दीवानी है..!
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तुम्हारा न होते हुए भी
सिर्फ़ तुम्हारा होना ,
इश्क़ है…
तुमसे दूर रह कर भी
तुम्हारे ही क़रीब रहना ,
इश्क़ है…
उम्मीदें टूट जाने पर भी
सिर्फ़ तुमसे ही उम्मीद करना,
इश्क़ है….
तुम पर मरते हुए भी
तुम्हारे लिए ही जिये जाना ,
इश्क़ है….
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इश्क़ में कुछ सर-ओ-सामान नहीं होता है ,
फिर भी इस काम में नुक़सान नहीं होता है ,
कैसे समझाऊं तुझे पार उतरने वाले ,
डूब जाना कोई आसान नहीं होता है ।
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मेरे दिल की हर धड़कन पर तेरी ही हुकूमत हो,
मेरे इश्क की सारी राहें तुम से तुम तक हो।।
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दिल पर हक जमाता है इश्क हद नही जानता,
क़ब्ज़ा ख्यालो पर करता है इश्क दायरा नही जानता।
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