rahat indori love shayari 2 line | राहत इंदौरी लव शायरी

Shayri Ki Dayri
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rahat indori love shayari 2 line | राहत इंदौरी लव शायरी

rahat indori love shayari 2 line | राहत इंदौरी लव शायरी

इन रातों से अपना रिश्ता जाने कैसा रिश्ता है,

नींदें कमरों में जागी हैं ख़्वाब छतों पर बिखरे हैं।।

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राहत इंदौरी शायरी स्टेटस डाउनलोड

नहीं कहा जो कभी, ख़ामख़ा समझती है
जो चाहता हूँ मैं कहना कहाँ समझती है?

सब तो कहते थे ताल्लुक में इश्क़ के अक्सर 
आँख को आँख, ज़बाँ को ज़बाँ समझती है।

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अब ना मैं हूँ, ना बाकी हैं ज़माने मेरे​,
फिर भी मशहूर हैं शहरों में फ़साने मेरे​,

ज़िन्दगी है तो नए ज़ख्म भी लग जाएंगे​,
अब भी बाकी हैं कई दोस्त पुराने मेरे।।

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राहत इंदौरी शायरी हिंदी 4 लाइन

चेहरों के लिए आईने कुर्बान किये हैं,
इस शौक में अपने बड़े नुकसान किये हैं,​

महफ़िल में मुझे गालियाँ देकर है बहुत खुश​,
जिस शख्स पर मैंने बड़े एहसान किये हैं।।

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आते जाते हैं कई रंग मेरे चेहरे पर,

लोग लेते हैं मजा ज़िक्र तुम्हारा कर के।

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राहत इंदौरी शायरी हिंदी image

हाथ खाली हैं तेरे शहर से जाते-जाते,
जान होती तो मेरी जान लुटाते जाते,

अब तो हर हाथ का पत्थर हमें पहचानता है,
उम्र गुजरी है तेरे शहर में आते जाते।

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एक आदत सी बन गई है तू

और आदत कभी नहीं जाती

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राहत इंदौरी शायरी हिंदी 1 लाइन

अजनबी ख़्वाहिशें सीने में दबा भी न सकूँ,
ऐसे ज़िद्दी हैं परिंदे कि उड़ा भी न सकूँ,

फूँक डालूँगा किसी रोज़ मैं दिल की दुनिया,
ये तेरा ख़त तो नहीं है कि जला भी न सकूँ।

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​तेरी हर बात ​मोहब्बत में गँवारा करके​,
​दिल के बाज़ार में बैठे हैं खसारा करके​,

​मैं वो दरिया हूँ कि हर बूंद भंवर है जिसकी​,​​
​तुमने अच्छा ही किया मुझसे किनारा करके।।

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राहत इंदौरी की ग़ज़ल

जागने की भी, जगाने की भी, आदत हो जाए,
काश तुझको किसी शायर से मोहब्बत हो जाए,

दूर हम कितने दिन से हैं, ये कभी गौर किया,
फिर न कहना जो अमानत में खयानत हो जाए

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ये हादसा तो किसी दिन गुजरने वाला था
मैं बच भी जाता तो एक रोज मरने वाला था

मेरा नसीब, मेरे हाथ कट गए वरना
मैं तेरी माँग में सिन्दूर भरने वाला था

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राहत इंदौरी की मशहूर शायरी हिंदी में

नए सफ़र का नया इंतज़ाम कह देंगे
हवा को धुप, चरागों को शाम कह देंगे

किसी से हाथ भी छुप कर मिलाइए
वरना इसे भी मौलवी साहब हराम कह देंगे

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हर एक हर्फ़ का अंदाज़ बदल रखा हैं
आज से हमने तेरा नाम ग़ज़ल रखा हैं

मैंने शाहों की मोहब्बत का भरम तोड़ दिया
मेरे कमरे में भी एक “ताजमहल” रखा हैं

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राहत इंदौरी शायरी हिंदी 2 लाइन

जवानिओं में जवानी को धुल करते हैं
जो लोग भूल नहीं करते, भूल करते हैं

अगर अनारकली हैं सबब बगावत का
सलीम हम तेरी शर्ते कबूल करते हैं

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जवान आँखों के जुगनू चमक रहे होंगे
अब अपने गाँव में अमरुद पक रहे होंगे

भुलादे मुझको मगर, मेरी उंगलियों के निशान
तेरे बदन पे अभी तक चमक रहे होंगे

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Rahat Indori Shayari

इश्क ने गूथें थे जो गजरे नुकीले हो गए
तेरे हाथों में तो ये कंगन भी ढीले हो गए

फूल बेचारे अकेले रह गए है शाख पर
गाँव की सब तितलियों के हाथ पीले हो गए

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क्या कहूँ उस से कि जो बात समझता ही नहीं 

वो तो मिलने को मुलाक़ात समझता ही नहीं 

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