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galib ki shayari | ग़ालिब की शायरी

galib ki shayari | ग़ालिब की शायरी 

galib ki shayari | ग़ालिब की शायरी

इशरत-ए-क़तरा है दरिया में फ़ना हो जाना 
दर्द का हद से गुज़रना है दवा हो जाना 
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ग़ालिब का अर्थ

ये न थी हमारी क़िस्मत कि विसाल-ए-यार होता 
अगर और जीते रहते यही इंतज़ार होता
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द फेमस गालिब

मोहब्बत में नहीं है फ़र्क़ जीने और मरने का 
उसी को देख कर जीते हैं जिस काफ़िर पे दम निकले
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दीवान-ए-ग़ालिब

उनको देखने से जो आ जाती है मुँह पर रौनक,
वो समझते हैं के बीमार का हाल अच्छा है
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मिर्ज़ा ग़ालिब पुस्तकें

हज़ारों ख़्वाहिशें ऐसी कि हर ख़्वाहिश पर दम निकले
बहुत निकले मेरे अरमान लेकिन फिर भी कम निकले
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ग़ालिब जुदाई शायरी

हमको मालूम है जन्नत की हक़ीक़त लेकिन,
दिल के खुश रखने को 'ग़ालिब' ये ख़याल अच्छा है
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ग़ालिब की शायरी हिंदी में 2 line

इश्क़ पर जोर नहीं है ये वो आतिश 'ग़ालिब',
कि लगाये न लगे और बुझाये न बुझे
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ग़ालिब शायरी रेख़्ता

इस सादगी पे कौन न मर जाए ऐ ख़ुदा 
लड़ते हैं और हाथ में तलवार भी नहीं 
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मिर्ज़ा ग़ालिब की ग़ज़ल

रगों में दौड़ते फिरने के हम नहीं क़ाइल 
जब आँख ही से न टपका तो फिर लहू क्या है 
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ग़ालिब की शायरी हिंदी में Love

इश्क़ पर ज़ोर नहीं है ये वो आतिश 'ग़ालिब' 
कि लगाए न लगे और बुझाए न बने 
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ग़ालिब की शायरी हिंदी में pdf

उन के देखे से जो आ जाती है मुँह पर रौनक़ 
वो समझते हैं कि बीमार का हाल अच्छा है 
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मिर्जा गालिब के दोहे

तेरे वादे पर जिये हम, तो यह जान, झूठ जाना,
कि ख़ुशी से मर न जाते, अगर एतबार होता
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मिर्ज़ा ग़ालिब शायरी इन उर्दू

यही है आज़माना तो सताना किसको कहते हैं,
अदू के हो लिए जब तुम तो मेरा इम्तहां क्यों हो
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ग़ालिब की शायरी हिंदी में Motivation

वो आए घर में हमारे, खुदा की क़ुदरत हैं!
कभी हम उनको, कभी अपने घर को देखते हैं

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