daru shayari| दारू शायरी
दारू बदनाम कर गई,
फ़िक्र मिटाकर आराम लिख गई,
दर्द भूला कर मदहोश कर गई।
––---––------––---––----–---––--–----–––––------
शराब शायरी फोटो
तू याद बहुत आती है,
ये मैं किसको बताता,
ना होती दारू,
तो मैं कैसे तुझे भुलाता।।
–---––------––---––----–---––--–----–––––------
शराब की बोतल पर शायरी
तेरे जाने के बाद जीने की ख्वाइश ना थी,
कमबख्त शराब ने हमें मरने से बचा लिया।
–---––------––---––----–---––--–----–––––------
दारू शायरी मराठी
मत पूछ उसके मैखाने का पता ऐ साकी,
उसके शहर का तो पानी भी नशा देता है।
–---––------––---––----–---––--–----–––––------
चाय और शराब शायरी
शराब पीकर मैं हद से गुज़र जाता हूं,
लेकिन तुम्हें देख मैं फिर से सुधर जाता हूं।
–---––------––---––----–---––--–----–––––------
शराब पर अनमोल वचन
जब आती है तेरी याद तो,
बीती बातें याद कर फिर से जी लेता हु मैं,
जब संभाल नहीं पता इस दिल को,
तो महखाने में जाकर शराब पी लेता हु मै।
–---––------––---––----–---––--–----–––––------
शराब शायरी रेख़्ता
Hum Intezaar Karein
Hum Itne betaab Nahin,
Pila Do Tum Humein Paani
Agar Sharaab Nahin.
हम इंतज़ार करें
हम इतने बेताब नहीं,
पिला दो तुम हमें पानी अगर शराब नहीं।
–---––------––---––----–---––--–----–––––------
दारू शायरी फनी
Ai Dost Mere Peene Ka Andaaz Dekh,
Aksar Sharab Mein Aansoo Mila Ke Peeta Hoon.
ऐ दोस्त मेरे पीने का अंदाज देख,
अक्सर शराब में आँसू मिला के पीता हूँ।
–---––------––---––----–---––--–----–––––------
शराब के दोहे।
Ye Khali-Khali Botlein Jo Hain Sharab Ki,
Raatein Hain In Mein Band
Humare Shabaab Ki.
ये खाली-खाली बोतलें जो हैं शराब की,
रातें हैं इन में बंद हमारे शबाब की।
–---––------––---––----–---––--–----–––––------
बारिश और शराब शायरी
Kabhi Ulajh Pade Khuda Se
Kabhi Saqi Se Hangama,
Na Namaaz Adaa Ho Saki
Na Sharab Pee Sake.
कभी उलझ पड़े खुदा से कभी साक़ी से हंगामा,
ना नमाज अदा हो सकी ना शराब पी सके।
–---––------––---––----–---––--–----–––––------
राहत इंदौरी शराब शायरी
Nateeja BeWajah Mehfil Se
Uthhwane Se Kya Hoga,
Na Honge Hum Toh Saqi
Tere Maikhane ka Kya Hoga.
नतीजा बेवजह महफिल से उठवाने का क्या होगा,
न होंगे हम तो साकी तेरे मैखाने का क्या होगा।
–---––------––---––----–---––--–----–––––------
पुरानी शराब शायरी
मिलावट है तेरे इश्क में
इत्र और शराब की,
कभी हम महक जाते हैं
कभी हम बहक जाते हैं
–---––------––---––----–---––--–----–––––------
शराब शायरी दो लाइन
हर बार सोचता हूँ
छोड़ दूंगा मैं पीना अब से,
मगर तेरी आड़ आती है
और हम मयखाने को चल पड़ते हैं।
–---––------––---––----–---––--–----–––––------
दोस्त और शराब शायरी
मत पूछ उसके मैखाने का पता ऐ साकी,
उसके शहर का तो पानी भी नशा देता है.