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kumar vishwas shayari in hindi | कुमार विश्वास शायरी

 kumar vishwas shayari in hindi| कुमार विश्वास शायरी इन हिंदी

कोई पत्थर की मूरत है, किसी पत्थर में मूरत है
   लो हमने देख ली दुनिया, जो इतनी खुबसूरत है
   जमाना अपनी समझे पर, मुझे अपनी खबर यह है
    तुझे मेरी जरुरत है, मुझे तेरी जरुरत है.
Koi patthar ki murat hain, 
kisi patthar main murat hain 
lol humne dekh lee duniya, jo itni khubsuat hain
zamana apni samjhe par, mujhe apni khabar yaha hain
Tujhe meri Jarura hain, mujhe teri jarurat hain.
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कुमार विश्वास की नई कविता

क़लम को खून में खुद के डुबोता हूँ तो हंगामा,
  गिरेबां अपना आँसू में भिगोता हूँ तो हंगामा।
  नहीं मुझ पर भी जो खुद की ख़बर वो है ज़माने पर,
  मैं हँसता हूँ तो हंगामा, मैं रोता हूँ तो हंगामा।
Kalam ko khoon mein khud ke dubota hoon to hungama,
gireban apna aansoon mein bhigota hoon to hungama,
Nahin mujhe par bhi jo khud ki khabar wo hai zamaane par,
Main hansra hoon toh hungama.
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कुमार विश्वास की गजलें Lyrics

तुम्हारे पास हूँ लेकिन जो दूरी है, 
   समझता हूँ।
  तुम्हारे बिन मेरी हस्ती अधूरी है, 
  समझता हूँ।
   तुम्हें मैं भूल जाऊँगा ये 
  मुमकिन है नहीं लेकिन।
  तुम्हीं को भूलना सबसे जरूरी है, 
  समझता हूँ।
Tera paas hoon lekin jo duri hain,
samjhta hun.
Tumhaare bin meri hasti adhoori hain,
samjhta hun.
tumhe main bhool jaaunga yeh
mumkin hai nahin lekin.
tumhi ko bhoolna sabse jarorri hai
samjhta hun.
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कुमार विश्वास की प्रसिद्ध कविता

   बस्ती – बस्ती घोर उदासी, 
    पर्वत – पर्वत सुनापन।
    मन हीरा बेमोल लुट गया, 
    घिस –घिस रीता मन चंदन।
    इस धरती से उस अम्बर तक, 
    दो ही चीज़ गजब की है।
    एक तो तेरा भोलापन है, 
    एक मेरा दीवानापन।
Basti basti ghor udasi,
parvat parvat sunapan.
man heera bemol lut gaya,
ghis ghis reeta man chandan.
is dharti se uss ambar tak,
do hi cheez gajab ki hain.
ek toh tera bholapan hain,
ek mera deewanapan.
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कुमार विश्वास का पहला प्यार

तुझ को गुरुर ए हुस्न है 
    मुझ को सुरूर ए फ़न।
   दोनों को खुद पसंदगी की 
   लत बुरी भी है।
   तुझ में छुपा के खुद को 
   मैं रख दूँ मग़र मुझे।
   कुछ रख के भूल जाने की 
   आदत बुरी भी है।
Tujh ko guru-e-husn hai
mujh ko surur-e-fun hain.
dono ko khud pasandgi ki
lat buri bhi hai.
tujh mein chhupa ke khud ko
main rakh doon magar mujhe.
kuch rakh ke bhul jaane ki
aadat buri bhi hain.
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कुमार विश्वास दोस्ती शायरी

मेरे जीने मरने में, 
तुम्हारा नाम आएगा। 
मैं सांस रोक लू फिर भी, 
यही इलज़ाम आएगा।
हर एक धड़कन में जब तुम हो, 
तो फिर अपराध क्या मेरा,
अगर राधा पुकारेंगी, 
तो घनश्याम आएगा।
Mere jeene marne main,
tumhara naam aayega.
main saans rok lu phir bhi,
Yahi ilzaam aayegaa.
har ek dhadkan main jab tum ho,
to phir apradh kya mera,
agar radha pukarengi,
to ghanshyam aayega.
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कुमार विश्वास शायरी हिंदी कोई दीवाना कहता है

कोई कब तक महज सोचे, कोई कब तक महज गाए. ईलाही क्या ये मुमकिन है कि कुछ ऐसा भी हो जाऐ. 
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कुमार विश्वास शायरी हिंदी image

मेरा मेहताब उसकी रात के आगोश मे पिघले मैँ उसकी नीँद मेँ जागूँ वो मुझमे घुल के सो जाऐ.
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कुमार विश्वास सुविचार

यह चादर सुख की मोल क्यू, सदा छोटी बनाता है. 
सीरा कोई भी थामो, दूसरा खुद छुट जाता है. 
 तुम्हारे साथ था तो मैं, जमाने भर में रुसवा था. 
मगर अब तुम नहीं हो तो, ज़माना साथ गाता है.
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कुमार विश्वास शायरी हिंदी Desh Bhakti

 गिरेबां चाक करना क्या है, सीना और मुश्किल है.
 हर एक पल मुस्कुरा के, अश्क पीना और मुश्किल है. 
हमारी बदनसीबी ने, हमें इतना सीखाया है. 
किसी के इश्क में मरने से, जीना और मुश्किल है.
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कुमार विश्वास के दोहे

"कहीं पर जग लिए तुम बिन, कहीं पर सो लिए तुम बिन. 
भरी महफिल में भी अक्सर, अकेले हो लिए तुम बिन 
 ये पिछले चंद वर्षों की कमाई साथ है अपने कभी तो हंस लिए तुम बिन, कभी तो रो लिए तुम बिन.
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कुमार विश्वास शायरी हिंदी Love

कोई दीवाना कहता है, कोई पागल समझता है,
मगर धरती की बेचैनी को बस बादल समझता है.
मैं तुझसे दूर कैसा हूँ , तू मुझसे दूर कैसी है,ये तेरा दिल समझता है या मेरा दिल समझता है.
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Kumar Vishwas Shayari in Hindi pdf download

कोई खामोश है इतना, बहाने भूल आया हूँ
किसी की इक तरनुम में, तराने भूल आया हूँ
मेरी अब राह मत तकना कभी ए आसमां वालो
मैं इक चिड़िया की आँखों में, उड़ाने भूल आया हूँ
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कुमार विश्वास की गजलें

ना पाने की खुशी है कुछ, ना खोने का ही कुछ गम है
ये दौलत और शोहरत सिर्फ, कुछ ज़ख्मों का मरहम है
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कुमार विश्वास मोटिवेशनल शायरी

अजब सी कशमकश है,रोज़ जीने, रोज़ मरने में
मुक्कमल ज़िन्दगी तो है, मगर पूरी से कुछ कम है
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kumar vishwas shayari in hindi

भ्रमर कोई कुमुदनी पर मचल बैठा तो हंगामा
हमारे दिल में कोई ख्वाब पल बैठा तो हंगामा
अभी तक डूब कर सुनते थे सब किस्सा मोहब्बत का
मैं किस्से को हकीकत में बदल बैठा तो हंगामा
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मोहब्बत एक अहसासों की, पावन सी कहानी है,
कभी कबिरा दीवाना था, कभी मीरा दीवानी है,
यहाँ सब लोग कहते हैं, मेरी आंखों में आँसू हैं,
जो तू समझे तो मोती है, जो ना समझे तो पानी है।
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मेरा जो भी तर्जुबा है, तुम्हे बतला रहा हूँ मैं
कोई लब छु गया था तब, की अब तक गा रहा हूँ मैं
बिछुड़ के तुम से अब कैसे, जिया जाये बिना तडपे
जो मैं खुद ही नहीं समझा, वही समझा रहा हु मैं

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