dard wali shayari| दर्द भरी शायरी
न जाने क्यों हमें आँसू बहाना नहीं आता,
न जाने क्यों हाल-ऐ-दिल बताना नहीं आता,
क्यों सब दोस्त बिछड़ गए हमसे,
शायद हमें ही साथ निभाना नहीं आता.
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हक़ीक़त जान लो जुदा होने से पहले,
मेरी सुन लो अपनी सुनाने से पहले;
ये सोच लेना भुलाने से पहले,
बहुत रोयी हैं ये आँखें मुस्कुराने से पहले.
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लड़कों की शायरी दर्द भरी
हँसते हुए ज़ख्मों को भुलाने लगे हैं हम;
हर दर्द के निशान मिटाने लगे हैं हम;
अब और कोई ज़ुल्म सताएगा क्या भला;
ज़ुल्मों सितम को अब तो सताने लगे हैं हम.
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हर पल यही सोचता रहा,
के कहा कमी रह गयी थी मेरी चाहत में;
उसने इतनी शिदत्त से मेरा दिल तोड़ा,
के आज तक नहीं संभल पाए.
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किसी की याद में दर्द भरी शायरी
दुआ करना दम भी उसी तरह निकले,
जिस तरह तेरे दिल से हम निकले.
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अब के सफ़र में दर्द के पहलू अजीब हैं
जो लोग हम-ख़याल न थे हम-सफ़र हुए
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सीने में दर्द शायरी
बेनाम सा ये दर्द ठहर क्यूँ नहीं जाता
जो बीत गया है वो गुज़र क्यूँ नहीं जाता
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नींद तो दर्द के बिस्तर पे भी आ सकती है
उनकी आग़ोश में सर हो ये ज़रूरी तो नहीं
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अपना दर्द शायरी
ऐ मोहब्बत तेरे अंजाम पे रोना आया
जाने क्यूँ आज तेरे नाम पे रोना आया
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अपने चेहरे से जो ज़ाहिर है छुपाएँ कैसे
तेरी मर्ज़ी के मुताबिक़ नज़र आएँ कैसे
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रिश्तों की दर्द भरी शायरी
तुमको लेकर मेरा ख्याल नही बदलेगा,
साल बदलेगा मगर दिल का हाल नहीं बदलेगा।
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जख्म ही देना तो पूरा जिस्म तेरे हवाले था,
बे रहम तूने वार क्या वो भी दिल ही वार क्या।
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छोड़कर जाने वाली दर्द भरी शायरी
बदले हुए लोगो के बारे मैं क्या कहू यारो,
मैंने अपने ही प्यार को किसी और का होते देखा है।
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तेरे ऐसे सच्चे आशिक़ है हम,
दिलमे जिसके प्यार न हो कभी कम,
सच्चे प्यार में तो ज़िन्दगी महक जाती है,
ना जाने हमारी आँखे क्यों है नम।
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रोता वही है जिसने कद्र किया हो सच्चा रिश्ता को,
मतलब पे रिश्ते रखने वालो को कोई रुला नहीं सकता।