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guru shayari| गुरु शायरी

 guru shayari| गुरु शायरी

हम क्या हैं वो सिर्फ हम जानते हैं 
लोग बस अंदाजा लगा सकते हैं।
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जहां तुम्हारी पहचान है
 वहां हमारा नाम ही काफी है।
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आध्यात्मिक गुरु शायरी

अकेले हैं कोई गम नही
 जहां इज्जत नही वहां हम नही
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कोई मुझसे जलता है,
 तो ये भी मेरे लिए सफलता है।
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गुरु के लिए सुविचार

बात करो हक़ की
 चाहे फट जाए सब की।
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सोने के जेवर और हमारे तेवर 
लोगों को बहुत महंगे पड़ते हैं।
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गुरु के लिए स्टेटस

जीवन अपना कर अर्पण जो
देश को उन्नति की ओर बढ़ाता है,
रच देता जो इतिहास नए
वो समाज का भाग्य विधाता है।
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गुमनामी के अंधेरे में था
पहचान बना दिया
दुनिया के गम से मुझे
अनजान बना दिया
उनकी ऐसी कृपा हुई
गुरु ने मुझे एक अच्छा
इंसान बना दिया
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गुरु और शिष्य पर शायरी

धुल थे हम सभी आसमां बन गये,
चाँद का नूर ले कहकंशा बन गये,
ऐसे सर को भला कैसे कर दे विदा,
जिनकी शिक्षा से हम क्या से क्या बन गये।
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गुरु को इस संसार में
मिला सबसे ऊँचा स्थान
इसकी कृपा दृष्टि से ही
सुन्दर बना सारा जहान
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गुरु की तारीफ शायरी

कुछ इस तरह गुरू ने सिर पर हाथ फेरा,
उत्साह भरा, फिर बदल गया किस्मत मेरा
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बिन गुरु ज्ञान नहीं,
बिन ज्ञान समाज में मान नहीं…!!!~!~ ??
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गुरु के लिए दो लाइन

कितनी दुआए हमारे साथ चलती हैं,
गुरू की सीख जब साथ रहती हैं ।
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मुझे चलना बोलना सिखाया जिसने ..
मेरी पहली गुरु तो मेरी माँ ही थी
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गुरू की वाणी मे थोडी़ कड़वाहट जरूर होती है कितुं
शिष्य को मिठास का मतलब समझाती है।
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सारी उमर जिनकी गलतीयां ढूढतें रहे क्या मालूम था,
वो हमें हमारी खूबियों से अवगत करवाऐगें।
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मां से बड़ा कोई गुरू नहीं देखा मैंने❤️,
और मेरी लफ़्ज़ों में इतनी ताकत कहां की मै मां ❤️
के लिए लिखूं, मां ने तो खुद मुझे लिखा है❤️?

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