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sad gulzar shayari | सेड गुलजार शायरी

 sad gulzar shayari | सेड गुलजार शायरी

जिंदगी शिकायतें लेकर पीछे पड़ी है
और मेरा हौसला मुस्कुराने के जिद्द
पर अड़ा है.!
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वो दर्द बहुत ही अलग होता
है जिस दर्द को बांटने के
लिए कोई भी नही होता..!!
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Heart touching गुलजार की शायरी

सुनना चाहते हैं एक बार
आवाज़ आपकी मगर बात
करने का बहाना नहीं आता..!
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हंसते रहोगे तो दुनिया साथ
है वरना आंसूओं को तो आंखों
में भी जगह नहीं मिलती..
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थोड़ा सा रफू करके देखिए
ना, फिर से नई सी लगेगी
जिंदगी ही तो है.!
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हम मानव होकर इस धरती पर,
देश के विरुद्ध भरते हैं।
हम से बेहतर तो वो कुत्ते हैं,
जो देश की सेवा करते हैं।।
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जिस की आवाज़ में सिलवट हो निगाहों में शिकन
ऐसी तस्वीर के टुकड़े नहीं जोड़ा करते
शहद जीने का मिला करता है थोड़ा थोड़ा
जाने वालों के लिये दिल नहीं थोड़ा करते
लग के साहिल से जो बहता है उसे बहने दो
ऐसी दरिया का कभी रुख़ नहीं मोड़ा करते
हाथ छूटे भी तो रिश्ते नहीं छोड़ा करते
वक़्त की शाख़ से लम्हें नहीं तोड़ा करते
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Gulzar Shayari

“तेरी यादों के जो आखिरी थे निशान,
दिल तड़पता रहा, हम मिटाते रहे…
ख़त लिखे थे जो तुमने कभी प्यार में,
उसको पढते रहे और जलाते रहे….”
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तू कितनी भी खुबसुरत क्यूँ ना हो ए ज़िंदगी
खुशमिजाज़ दोस्तों के बगैर तु अच्छी नहीं लगती..!! 
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जिंदगी यूँ हुई बसर तन्हा...!
काफिला साथ और सफर तन्हा..!!

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तुमसे मिली जो जिंदगी, हमने अभी बोई नहीं..!
तेरे सिवा कोई न था, तेरे सिवा कोई नहीं..!!
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“ये तुमने ठीक कहा है, तुम्हें मिला ना करू
मगर मुझे ये बता दो कि क्यों उदास हो तुम?”
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एक बार तो यूँ होगा, थोड़ा सा सुकून होगा
ना दिल में कसक होगी, ना सर में जूनून होगा…
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Gulzar Shayari on Life

लकीरें हैं तो रहने दो
किसी ने रूठ कर गुस्से में शायद खींच दी थी
छोटा सा साया था, आँखों में आया था
हमने दो बूंदों से मन भर लिया…
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सामने आया मेरे, देखा भी, बात भी की
मुस्कुराए भी किसी पहचान की खातिर…
कल का अखबार था, बस देख लिया, रख भी दिया
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बेहिसाब हसरते ना पालिये
जो मिला हैं उसे सम्भालिये…
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पूरे की ख्वाहिश में ये इंसान बहुत कुछ खोता है,
भूल जाता है कि आधा चांद भी खूबसूरत होता है।
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टूट जाना चाहता हूं, बिखर जाना चाहता हूं,मैं फिर से निखर जाना चाहता हूं
मानता हूं मुश्किल है,लेकिन मैं गुलज़ार होना चाहता हूं।
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एक सुकून की तलाश में जाने कितनी बेचैनियां पाल लीं,
और लोग कहते हैं कि हम बड़े हो गए हमने ज़िंदगी संभाल ली।
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Gulzar sad Shayari in Hindi

वक़्त रहता नहीं कहीं टिक कर,
आदत इस की भी आदमी सी है।
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उम्र ज़ाया कर दी लोगों ने, औरों में नुक्स निकालते-निकालते
इतना खुद को तराशा होता, तो फरिश्ते बन जाते।
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सालों बाद मिले वो
गले लगाकर रोने लगे,
जाते वक्त जिसने कहा था
तुम्हारे जैसे हज़ार मिलेंगे.
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वो शख़्स जो कभी
मेरा था ही नही,
उसने मुझे किसी और का भी
नही होने दिया.
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आऊं तो सुबह,
जाऊं तो मेरा नाम शबा लिखना,
बर्फ पड़े तो
बर्फ पे मेरा नाम दुआ लिखना
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गुलजार शायरी motivational

तुझ से बिछड़ कर
कब ये हुआ कि मर गए,
तेरे दिन भी गुजर गए
और मेरे दिन भी गुजर गए.
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इश्क़ की तलाश में
क्यों निकलते हो तुम,
इश्क़ खुद तलाश लेता है
जिसे बर्बाद करना होता है।
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आप के बाद हर घड़ी हम ने, आप के साथ ही गुज़ारी है।
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"हम ने अक्सर तुम्हारी राहों में, रुक कर अपना ही इंतिज़ार किया।
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गुलजार शायरी जिंदगी 2 Line

"ज़िंदगी यूँ हुई बसर तन्हा, क़ाफ़िला साथ और सफ़र तन्हा। "
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वक़्त रहता नहीं कहीं टिक कर, 
आदत इस की भी आदमी सी है। "
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"आइना देख कर तसल्ली हुई, 
हम को इस घर में जानता है कोई। "
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"मैं हर रात सारी ख्वाहिशों को खुद से पहले सुला देता,
 हूँ मगर रोज़ सुबह ये मुझसे पहले जाग जाती है।"

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