पहला प्यार भुलाया नहीं जाता शायरी | Pehla pyar bhulaya nahi jata shayri
दिल के दर्द को छुपाना कितना मुश्किल है,
टूट के फिर मुस्कुराना उतना ही मुश्किल है…
किसी के साथ दूर तक जाओ और फिर देखो,
अकेले लौट के आना कितना मुश्किल है।
हमें भी आते हैं तमाम तरीके इजहार के....
मगर ज़िद है कि मोहब्बत है तो महसूस हो उसे।
प्यार के लिए शायरी हिंदी
लबों तक आकर भी जुबां पर न आए...!!
मोहब्बत में सब्र का वो मुकाम हो तुम..।
मुझे भी अब नींद की तलब नहीं रही,
अब रातों को जागना अच्छा लगता है,
मुझे नहीं मालूम वो मेरी किस्मत में है या नहीं,
मगर उसे खुदा से माँगना अच्छा लगता है..
प्यार शुरू करने की शायरी
जुदा होकर हमसे वो कितने खुश हैं
यह तो हम जानते हैं,
काश वो भी जान पाते कि
जुदा हो कर उनसे हम कितने तन्हा है।
हिसाब भरी ज़िन्दगी को बेहिसाब जिया जाए....
महीना मोहब्बत का है थोड़ा सा तो इश्क़ किया जाए...
पहला प्यार sad शायरी
मुद्दतों बाद आज फ़िर परेशान हुआ है दिल.....!
न जाने किस हाल में होगा मुझे भूलने वाला....!
मैंने इस खौफ़ से फूल नहीं लिखा उसको ...
अगर वो मुरझा गई तो मेरी जान पे बन जाएगी ।
पुराना प्यार शायरी
इतनी ख़ूबसूरती से क्या खूब लिहाज़
रखते हैं हम दोनो अपनी मोहब्बत का..
दिल की कोई भी बात कहनी हो तो
शायरी-शायरी खेलते हैं ...
तैरकर पार भी आ सकते थे दरिया से मगर,
इश्क़ लहरों से हुआ था तो डूबना ही था ।
पहले प्यार का पहला एहसास
तुम मिल गए तो गुलशन की तरह खिल जायेंगे,
तुम ना मिले तो जीते जी ही मर जायेंगे,
तुम्हें जो पा लिया तो मर कर भी जी जायेंगे।
कुछ नये रंग है मोहब्बत के कुछ
पूराने सम्भाल के रखे है,
हमने दिल की किताब में तेरे सारे
वादे सम्भाल के रखे है..!!
Love Shayari
बाखूबी सारें रिश्ते निभाने को कहता है
जो ये सीने में मेरे बाई ओर ❤️ रहता है |
तुम ये मत समझना की मुझे कोई और नहीं चाहता..
मौत भी मुझे अपना बनाने के लिए तरस रही है ..
बेहतरीन शायरी
मुझे भी अब नींद की तलब नहीं रही,
अब रातों को जागना अच्छा लगता है,
मुझे नहीं मालूम वो मेरी किस्मत में है या नहीं,
मगर उसे खुदा से माँगना अच्छा लगता है..
वादा हमारा है...
साथ ये जो तुम्हारा है...
हर पल संग तेरे निभाना है...
हसना है रोना है रूठना है मनाना है...
प्यार भरा हर लम्हा बस संग तेरे ही निभाना है ...
Pehla Pyar Shayari
तुम्हें मांगा है कितना....
कभी ये मत पूछना..
कभी आना मेरे शहर में
मंदिर के धागे अपने आप बता देंगे....
तुम्हारे दिल की दीवारें ख़ाली है?
मुझे वहाँ अपनी तस्वीर लगानी है |
आपसी प्रेम शायरी
हिसाब भरी ज़िन्दगी को बेहिसाब जिया जाए....
महीना मोहब्बत का है थोड़ा सा तो इश्क़ किया जाए...
लगा के इश्क़ की बाज़ी सुना है रुठ बैठी हो..!!
मोहब्बत मार डालेगी अभी तुम फूल जैसी हों..!!
बक्शीश मत दे मुझे इन चंद मुलाकातों की,
गर इश्क है तो हर लम्हा मेरे नाम कर..!!
तुम सफर बनजाओ हम मुसाफिर बन जाते हैं।
तुम इश्क़ बनजाओ हम आशिक़ बन जाते हैं।
तुम लेहर बनजाओ हम किनारा बन जाते हैं।
तुम शायरी बनजाओ हम शायर बन जाते हैं।
तुझसे बिछडे है मगर इश्क़ कहॉ खत्म हुआ
यह वह जीती हुई बाजी है जो हारी न गई
तू वह ख्वाब है जो ऑखो से उतारा न गया
तू वो ख़्वाहिश है जो हमसे मारी न गई
मेरी उदासियां तुम्हें कैसे नज़र आएंगी,
तुम्हें देखकर तो हम मुस्कुराने लगते हैं..
हमने देखा है रूठ कर लोगों से यहां...
वो जो अपना कहते थे वापिस कभी दिखाई न दिए...!!!
मौसम था बेकरार तुम्हें सोचते रहे
कल रात बार बार तुम्हें सोचते रहे
बारिश हुई तो लग कर घर के दरवाजे से हम
चुप चाप बेकरार तुम्हें सोचते रहे.
"पलकें झुकें, और सलाम हो जाए....
पेशानी झुके और सजदा हो जाए...
ऐसी नज़र, कंहाँ से लाऊँ, जो...
आपको याद करूँ और आपका दीदार हो जाए"!!!...
इस तन में रमे हो तुम, इस मन मे रमे हो तुम....
मै तुमको कहा ढुंढू, इस दिल मे बसे हो तुम....!!!!
मेरी आँखों में यही हद से ज्यादा बेशुमार है...!!
तेरा ही इश्क़, तेरा ही दर्द, तेरा ही इंतज़ार है...!!!!
क़यामत खेज़ हैं आँखें तुम्हारी,
आख़िर तुम ख़्वाब किसके देखती हो ?
मुझे तमीज सिखाने आज दुनिया चल पड़ी हैं,
वाह रे दुनिया, क्या तू खुदके गिरेबान में झाँकना भूल चुकी हैं?
अब किसी से उसका का हाल कैसे पूछें,
नाम भी तो उसका सरे आम लिया नहीं जाता.!