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best shayari of rahat indori | बेस्ट शायरी ऑफ राहत इंदौरी

best shayari of rahat indori | बेस्ट शायरी ऑफ राहत इंदौरी

इंतज़ार है मुझे जिंदगी के आखिरी पन्ने
का सुना है अंत में सब ठीक
हो जाता है..
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कभी जिंदगी एक पल में गुजर जाती हैं,
और कभी जिंदगी का एक पल नहीं
गुजरता..
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सभी के नाम पर नहीं रुकतीं धड़कनें*
दिलों के भी कुछ उसूल हुआ करते हैं
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राहत इंदौरी शायरी हिंदी 2 लाइन

जुबान तो खोल नजर तो मिला जवाब
तो दे मैं कितनी बार लूटा हूं फैसला
तो दे..
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नहीं होते हो फिर भी होते हो तुम,
ना जाने क्यूं हर वक्त महसूस होते
हो तुम… !!
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मत पूछो शीशे से उसकी टूट जाने
की वजह उसने भी किसी पत्थर
को अपना समझा होगा..
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बीमर को मेराज की दवा देनी चाहिए,
मैं पीना चाहता हूं, पिला देनी चाहिए।
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राहत इंदौरी शायरी हिंदी राजनीति

रोज़ तारों को नुमाइश में ख़लाल पड़ता है
चाँद पागल है, अँधेरे में निकल पड़ता है
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बहुत गौर है दरिया को अपने शहद पर
जो मेरी प्यास से उलझे तो धज्जियां उड़ जाएं
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कभी दिमाग, कभी दिल, कभी नज़र में रहो
ये देखो तुम्हारे ही घर हैं, किसी भी घर में रहो
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ऐ ज़मीन एक रोज़ तेरी खाक में खो जाएगी, तो जाएगी
मर के भी रिश्ता नहीं टूटेगा हिंदुस्तान से, ईमान से।
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राहत इंदौरी की दर्द भरी शायरी

ज़ुबाँ तो खोल नज़र तो मिला जवाब तो दे
मैं कितनी बार लूटा हूँ मुझे हिसाब तो दे।
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लोग हर मोड़ पे रुक रुक के संभलते क्यूँ है
इतना डरते है तो घर से निकलते क्यूँ है।
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शाख़ों से टूट जाएँ वो पत्ते नहीं हैं हम
आँधी से कोई कह दे कि औक़ात में रहे
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आँखों में पानी रखो होठों पे चिंगारी रखो
जिंदा रहना है तो तरकीबें बहुत सारी रखो।
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एक ही नदी के है यह दो किनारे दोस्तो
दोस्ताना ज़िन्दगी से, मौत से यारी रखो।
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उस की याद आई है साँसो ज़रा आहिस्ता चलो 
धड़कनों से भी इबादत में ख़लल पड़ता है 
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राहत इंदौरी की ग़ज़ल

दोस्ती जब किसी से की जाए 
दुश्मनों की भी राय ली जाए 
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न हम-सफ़र न किसी हम-नशीं से निकलेगा 
हमारे पाँव का काँटा हमीं से निकलेगा 
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शाख़ों से टूट जाएँ वो पत्ते नहीं हैं हम 
आँधी से कोई कह दे कि औक़ात में रहे 
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हम से पहले भी मुसाफ़िर कई गुज़रे होंगे 
कम से कम राह के पत्थर तो हटाते जाते
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ज़िंदगी है इक सफ़र और ज़िंदगी की राह में
ज़िंदगी भी आए तो ठोकर लगानी चाहिए 
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राहत इंदौरी देशभक्ति शायरी

लोग हर मोड़ पे रुक रुक के सँभलते क्यूँ हैं 
इतना डरते हैं तो फिर घर से निकलते क्यूँ हैं 
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कभी दिमाग़ कभी दिल कभी नज़र में रहो
ये सब तुम्हारे ही घर हैं किसी भी घर में रहो
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राहत इंदौरी शायरी हिंदी 4 लाइन Video

एक ही नद्दी के हैं ये दो किनारे दोस्तो
दोस्ताना ज़िंदगी से मौत से यारी रखो 
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मुझ को रोने का सलीक़ा भी नहीं है शायद
लोग हँसते हैं मुझे देख के आते जाते

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