बेशर्म के पौधे से होने वाले फायदे | जानिए कौन-सी बीमारी में होता है असरदार?
आयुर्वेद में बेशर्म का पौधा एक औषधीय जड़ी-बूटी के रूप में उपयोग किया जाता है। इस पौधे का उपयोग मधुमेह, सूजन, बवासीर और जोड़ों के दर्द जैसी गंभीर बीमारियों में किया जाता है। नीचे ब्लॉग में जानेंगे इस पौधे के औषधीय गुण और सेवन की विधि।
परिचय:
बेशर्म के पौधे का आयुर्वेदिक चिकित्सा में एक महत्वपूर्ण स्थान है ,इसे Touch-Me-Not Plant या लाजवंती भी कहा जाता है। इस पौधे का उपयोग कई प्रकार की बीमारियों को ठीक करने में किया जाता है, हालांकि इसका नाम "बेशर्म" थोड़ा अजीब लगता है, लेकिन यह चमत्कारिक गुणों से भरपूर है।
1. बवासीर में लाभकारी:
बवासीर की सूजन को कम करने के लिए इसके पत्तों का रस या चूर्ण बनाकर उपयोग किया जाता है और इसके पत्तों को पीसकर गुनगुने पानी के साथ लेने से दर्द में राहत मिलती है।
2. मधुमेह के इलाज में उपयोगी:
ब्लड शुगर को कंट्रोल करने के लिए इस पौधे का सेवन किया जाता है। इसके पत्तों के रस को खाली पेट पीने से शुगर लेवल नॉर्मल रहता है।
3. घाव एवं सूजन में असरदार:
बाहरी सूजन, पुराने घाव एवं जलन पर इसके पत्तों को पीसकर इसका लेप लगाने से जल्दी राहत मिलती है। घावों पर यह एक एंटीसेप्टिक की तरह कार्य करता है।
4. गठिया एवं जोड़ों के दर्द में लाभ:
गठिया और जोड़ो के दर्द जैसे रोगों में इस पौधे के अर्क से बनी तेल मालिश करने से दर्द में राहत मिलती है।
5. पेशाब से जुड़ी समस्याओं में:
बेशर्म के बीजों का सेवन करने से पेशाब की जलन और रुकावट में फायदा होता है।
सेवन विधि (कैसे उपयोग करें):
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पत्तों का रस के रूप में: 1-2 चम्मच रोज सुबह खाली पेट।
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पत्तों का चूर्ण के रूप में: गुनगुने पानी के साथ दिन में दो बार।
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लेप के रुप में: प्रभावित स्थान पर इसके ताजे पत्तों को पीसकर लेप लगाएं।
निष्कर्ष:
बेशर्म के पौधे का उपयोग कई प्रकार की प्राकृतिक औषधियों के रूप में किया जाता है। इसका उपयोग अनेक प्रकार की बीमारियों का इलाज करने में किया जाता है लेकिन किसी भी गंभीर बीमारी में उपयोग करने से पहले आयुर्वेदिक डॉक्टर की सलाह जरूर लेवे।
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