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क्रॉनिक फॉटिग सिंड्रोम होने के कारण, इसके लक्षण और इसका इलाज
क्रॉनिक फटीग सिंड्रोम (सीएफएस) में मरीज को हमेशा थकान महसूस होती है। इसमें शारीरिक और मानसिक थकान अलग अलग हो सकती है। कई बार यह दोनों स्थितियां एक साथ हो सकती है। लंबे समय तक शारीरिक थकावट रहे तो वह मानसिक थकान का कारण भी बनती है। इसे ही क्रॉनिक फटीग सिंड्रोम कहते हैं। अगर यह स्थिति लंबे समय तक रहती है तो मेमोरी यानी याददाश्त पर भी इसका असर पड़ता है।क्रॉनिक फॉटिग सिंड्रोम होने के कारण
खराब लाइफस्टाइल के अलावा कुछ बीमारियां जैसे एनीमिया, थायराइड, डायबिटीज, फेफड़े और हृदय रोग हो सकते हैं। डिलीवरी के बाद महिलाओं में ऐसी समस्या होती है। तनाव, दुख, नशा करना, चिंता निराशा और पर्याप्त नींद ना लेना भी इसका कारण हो सकता है।
क्रॉनिक फॉटिग सिंड्रोम, अधिक या कम वजन भी है कारण होता है
कई बार अधिक वजन भी इसका कारण बन जाता है। अधिक वजन से जोड़ों और मांसपेशियों पर अधिक दबाव पड़ता है। वही कम वजन वाले व्यक्ति भी जल्दी थक जाते हैं। इससे बचाव के लिए बैलेंस डाइट के साथ वजन को नियंत्रित रखना जरूरी है। वजन कम है तो अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
क्रॉनिक फॉटिग सिंड्रोम के लक्षण
मांसपेशियों में दर्द, हमेशा उदासी, कुछ नया करने का मन नहीं करना, दिन में आलस्य रहना, ज्यादा नींद आना, नए काम पर ध्यान नहीं लगा पाना, कुछ सीखने में परेशानी होना, पेट संबंधी परेशानी जैसे पेट में सूजन, दर्द, दस्त या कब्ज की समस्या, सिरदर्द, चिड़चिड़ापन या धुंधला दिखाई देना आदि।
क्रॉनिक फॉटिग सिंड्रोम का इलाज
हल्की थकान होने पर मरीज की डाइट और लाइफ स्टाइल सही करने की सलाह दी जाती है। ज्यादा समस्या होने पर एंटीडिप्रेसेंट और नींद की गोलियों के साथ कुछ थेरेपी भी दी जाती है। जिन्हें लगातार थकान महसूस होती है, उन्हें डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।
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