कोरोना वायरस : असाध्य रोगियों में ज्यादा आशंका, इम्यूनिटी बढ़ाएं

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कोरोना वायरस : असाध्य रोगियों में ज्यादा आशंका, इम्यूनिटी बढ़ाएं
Photo by Fusion Medical Animation on Unsplash

कोरोना वायरस : असाध्य रोगियों में ज्यादा आशंका, इम्यूनिटी बढ़ाएं

चीन के वुहान शहर से 60 से अधिक देशों में फैल चुका कोरोनावायरस का दुष्प्रभाव उन लोगों पर अधिक देखने को मिल रहा है जिनको पहले सही क्रॉनिक डिजीज (असाध्य रोग) जैसे डायबिटीज, सीओपीडी, अस्थमा, कैंसर, हार्ट डिजीज, हाइपरटेंशन, थायराइड और किडनी से जुड़े रोग आदि है। इसके रोगियों की औसत आयु 55 वर्ष है। इसमें मृत्यु दर 11 फ़ीसदी बताई जा रही है। महिलाओं की तुलना में पुरुषों में इसका संक्रमण अधिक हो रहा है। इसकी वजह पुरुषों में क्रॉनिक डिजीज अधिक है।

14 दिन में पनपते हैं लक्षण
इसके लक्षण स्वाइन फ्लू जैसे होते हैं। इनमें सिर व शरीर में दर्द, सांस लेने में तकलीफ, नाक बहना, खांसी, गले में खराश, सिंह के आना, अस्थमा का बिगड़ना, थकान, फेफड़ों में सूजन आदि है। इसमें निमोनिया के लक्षण भी दिखते हैं जो घातक अवस्था होती है। लक्षण आमतौर पर 1 से 14 दिनों में दिखने लगते हैं।

सामान्य फ्लू के यह लक्षण
 अचानक बुखार (करीब 39 डिग्री सेल्सियस से अधिक), सुखी खांसी, मांसपेशियों में जकड़न, सिर दर्द, गले में खराश, थकान, बहती या बंद नाक, उल्टी और दस्त (बच्चों में अधिक) होते हैं।

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स्वाइन फ्लू के यह है लक्षण
बुखार, खांसी, गले में खराश, नाक बहना, मांसपेशियों में दर्द, सिरदर्द, कभी-कभी दस्त और उल्टी होना होना। सांस लेने में परेशानी नहीं होती है। गंभीर होने पर सीने में दर्द, सांस तेज चलना, कम रक्तचाप, भ्रम की स्थिति, अस्थमा, गुर्दे और हृदय का फेल होना, एंजाइना या फिर सीओपीडी (फेफड़ों का रोग) हो सकता है।

क्या है कोरोनावायरस : यह वायरस माइक्रोस्कोप से देखने पर क्राउन जैसा लगता है। इसलिए कोरोना नाम पड़ा है। एक्सपर्ट की मानें तो इस वायरस के कई प्रकार है लेकिन पूर्व में ज्ञात किसकी 6 केस में ही मनुष्य को नुकसान पहुंचाने वाली मानी गई थी पूर्णविराम यह साथ में तरह का नया वायरस। अमरीका के सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन के मुताबिक इसके संक्रमण से तेज बुखार जुखाम सांस लेने में तकलीफ नाक बहना और गले में खराश जैसी समस्याएं होती है। यह वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है। इससे निमोनिया भी हो जाता है जो अधिक घातक अवस्था मानी जाती है।

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ऐसे बढ़ाएं इम्युनिटी
तुलसी, हल्दी और गिलोय समान मात्रा में ले। करीब 10 ग्राम के मिश्रण को 400 मिलीग्राम पानी में डालकर एक चौथाई रहने तक उबालें। इसे सुबह-शाम गुनगुना पीए। सर्दी जुखाम में कारगर है। त्रिकूट यानी सोंठ, पीपली और काली मिर्च समान मात्रा में ले। करीब 5-10 ग्राम के मिश्रण को 400 मिलीग्राम पानी में एक चौथाई रहने तक उबालें। इसे गर्म ही ले। मौसम बदलने के दौरान 7 दिन सुबह-शाम ले। इससे सर्दी-जुखाम से बचेंगे।

तरल चीजें लेते रहे
पर्याप्त मात्रा में पानी पीते रहे। गला गीला रहेगा तो असर कम होगा। इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए विटामिन सी वाले फलों का सेवन करें। खांसते समय मुंह पर मास्क लगाकर रखें। हाथों को आंख, नाक और मुंह के पास सीधे ना छुएं। मांस-मछली, सीफूड और बाहर से आने वाला पैक्ड फूड खाने से बचें। जंगली और खेतों में रहने वाले जानवरों के संपर्क से दूर रहे। चीन से सफर कर लौटे व्यक्ति से दूर रहे। सब्जी और फलों को खाने से पहले अच्छी तरह से धोएं। जिन देशो या जगहों पर इस बीमारी का प्रकोप है, वहां यात्रा करने से बचे।

आयुर्वेद में उपचार
 आयुर्वेद के अनुसार ऋतु बदलने को संधि काल कहते हैं। इसमें वायरस का प्रकोप बढ़ता है। वायरस जनित रोगों में दो बातें होती है। एक तो इम्यूनिटी बढ़ाएं ताकि वायरस का असर ना हो। दूसरा, अगर वायरल संक्रमण हो गया है तो कैसे बचे। इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए अश्वगंधा, शतावरी, हरड़, बहेड़ा, आंवला, सोंठ, पीपली, काली मिर्च, बायबड़न को समान मात्रा में लेकर पाउडर बनाकर सुबह-शाम एक चम्मच शहद के साथ ले। इसके अलावा खानपान में गरिष्ठ चीजों का प्रयोग ना करें। दो अलग-अलग तासीर की चीज को एक साथ ना खाएं।

माइक्रो वायरस फिल्टर मास्क पहने
अनुमान लगाया जा रहा है कि सोर्स की तरह कोरोनावायरस का आकार भी 0.3 माइक्रोन होगा। जिसको फिल्टर करने के लिए सर्जिकल मास्क पर्याप्त नहीं है। माइक्रो वायरस फिल्टर मास्क की जरूरत होगी। n95 मास्क ही पहने जो 0.1 माइक्रोन तक के वायरस को रोक देता है। अगर रूटीन मास्क इस्तेमाल कर रहे हैं तो रोज बदले।

सॉल्टी मास्क अधिक कारगर
एक अध्ययन के अनुसार सर्जिकल और n95 मास्क से वायरस मरते नहीं, बल्कि फिल्टर  होतेेे है। जब हाथ से मास्क को छूते हैं तो वायरस हाथों से शरीर में फैल जाते हैं। शोध में पाया गया है कि सोडियम या पोटेशियम कौन कोलेराइड में 30 मिनट वायरस को रखने पर वायरस निष्क्रिय हो जाते है। ऐसे में सॉल्टी मास्क को अधिक कारगर माना जा रहा है।

गलत नुस्खों से बचें
सोशल मीडिया पर ऐसे ढेरों नुस्खे हैं जिनसे इलाज का दावा किया जा रहा है। इनसे बचें क्योंकि यह प्रमाणिक नहीं है। फेसबुक, यूट्यूब आदि इन्हें हटा भी रहे हैं।
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