सर्दी-जुकाम में दवा की तरह काम करेंगे ये दूध
सर्दियों में तापमान में गिरावट और खुष्क हवाएं आपको परेशान कर सकती है। इस मौसम में बचाव के लिए गर्म कपड़े ही काफी नहीं हैं, खान-पान का ख्याल रखना भी जरूरी है। इस लिहाज से गर्म तासीर वाले आहार फायदेमंद साबित होंगे। इसमें दूध की काफी अहम भूमिका होती है। यह बॉडी टेम्परेचर को मेंटेन करने में सहायक है। आपको अगर नॉर्मल दूध अच्छी न लगती हो, तो आप इसके कुछ फ्लेवर भी ट्राइ कर सकते हैं।
खजूर का दूध
खजूर का दूध बनाने के लिए एक गिलास गर्म दूध में चार खजूर या छुआरे को छोटे-छोटे टुकड़ों में काटकर या पीस कर मिला लें और पांच मिनट बाद पीएं। इसमें मौजूद ग्लूकोज और फ्रक्टोज एनर्जी बूस्टर का काम करते हैं। ये आसानी से ब्लड में एब्जार्ब हो जाते हैं। खजूर का दूध लिवर को डिटॉक्सीफाइ करता है और इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है। दूध की गर्म तासीर आर्थराइटिस , ऑस्टियोपोरोसिस के मरीजों को जोड़ों के दर्द में आराम पहुंचाता है। यह बार-बार पेशाब आने या बच्चों के सोते समय बिस्तर गीला करने की समस्या को दूर करता है।
सर्दियों में गरिष्ठ भोजन ज्यादा खाने और पानी कम पीने से पाचन तंत्र गड़बड़ा जाता है। इससे डायरिया, कब्ज, पेट दर्द की शिकायत रहती है। खजूर के दूध में मौजूद पेक्टिन फाइबर और पोटेशियम पाचन तंत्र को दुरुस्त कर पेट की समस्याओं को सुधारता है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स, मैग्नीशियम, फॉस्फोरस और कैल्शियम आदि शरीर की हड्डियों और मांसपेशियों को मजबूत बनाते हैं। गर्म तासीर ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाकर नव्र्स डिसआर्डर से बचाता है। इससे बैड कोलेस्ट्रॉल को हटाने और गुड कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाने में मदद मिलती है, जिससे दिल की बीमारी दूर रहती है। खजूर में मौजूद एंटी वायरल एजेंट्स हमें संक्रामक रोगों से बचाते हैं। इसमें विटामिन ए और बी आंखों की नमी मौजूद बनाये रखने में कारगर है।
केसर दूध
सर्दियों में 4-5 केसर के धागे डाल कर बना दूध पीना बेहद फायदेमंद है। केसर में मौजूद सेफरनल एंटीऑक्सीडेंट रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है और वायरल संक्रमण से बचाता है। यह शरीर को गर्माहट भी प्रदान करता है। इसमें मैग्नीशियम, पोटेशियम जैसे मिनरल्स होते हैं, जिससे अस्थमा व अन्य श्वसन-रोगों से आराम मिलता है। केसर वाली दूध पीने से फेफड़ों में हो रही जलन और सूजन कम होती है, ऑक्सीजन की सप्लाई बढ़ाती है। आर्थराइटिस की वजह से सर्दियों में सूजन व जोड़ों में दर्द आम बात है। केसर दूध माहवारी के दौरान होने वाली समस्याओं को कम करने में भी मदद करता है। माहवारी में होने वाले हेवी फ्लो और क्रैम्प से भी यह रिलीफ देता है। यह आर्टीरीज सिकुड़ने हार्ट अटैक व ब्रेन स्ट्रोक के खतरे को कम करता है। नियमित रूप से केसर का दूध पीने से त्वचा की चमक बरकरार रहती है और होंठ भी नहीं फटते।
हल्दी का दूध
हल्दी प्राकृतिक एंटी सेप्टिक, एंटी बैक्टीरियल और एंटी बॉयोटिक होता है। एक गिलास गर्म दूध में एक चुटकी हल्दी मिलाकर पीना बेहद फायदेमंद है। यह बॉडी को डिटॉक्सिफाई करता है। पाचन प्रक्रिया को मजबूत करता है। अपच, कब्ज, पेट में जलन, दर्द, गैस जैसी समस्याओं से निजात दिलाता है। यह इम्यूनिटी को मजबूत बनाता है, ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को हटाता है। खांसी-जुकाम, अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, साइनस जैसी श्वसन समस्याओं से निजात दिलाता है। यह आर्थराइटिस, जोड़ों या मसल्स के दर्द व सूजन का कम करता है। यह रक्त संचार ठीक करता है।
बादाम का दूध
एक गिलास दूध में 5-7 पिसे बादाम रखकर उबालें और गुनगुना होने पर पीएं। यह मिनरल्स और ओमेगा-3 फैटी एसिड, फ्लेवोनॉयड आदि से भरपूर होता है, जो रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाता है और वायरल के इन्फेक्शन से बचाता है। बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करता है। ब्लड प्रेशर कंट्रोल करता है और कोरोनरी हार्ट डिजीज के जोखिम को कम करता है। यह हड्डियों की मजबूती के लिए भी अच्छा है। इसमें मौजूद कैल्शियम और विटामिन-डी हड्डियों व दांतों को मजबूत बनाते हैं। यह ऑस्टियोपोरोसिस के जोखिम को भी कम करता है।
तुलसी वाला दूध
तुलसी में एंटीबैक्टीरियल व एंटी वायरल गुण होते हैं। इसके 3-4 पत्ते एक गिलास दूध में उबाल कर पीना लाभकारी है। यह प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करता है और बीमारियों से बचाता है। इसमें मौजूद एंटी बैक्टीरियल गुण गले में खराश, जुकाम और सूखी खांसी से आराम पहुंचाता है। यह फ्लू व वायरल बुखार के इलाज में मददगार है। यह दूध अस्थमा के मरीजों को भी आराम पहुंचाता है। यह सिरदर्द व माइग्रेन की समस्या से भी राहत पहुंचाता है।
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