कोरोनावायरस पर होगा सीधा वार 30 सेकंड में संक्रमण रहित होंगे क्वॉरेंटाइन सेंटर
हमारे देश में कोरोनावायरस के बढ़ते संक्रमण से बचने के लिए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान आई आई टी गुवाहाटी के शोधकर्ताओं ने यूवीसी एलइडी आधारित एक किफायती कीटाणु शोधन प्रणाली विकसित की है जो व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण के लिए जरूरी चीजों की जरूरतों को भी पूरा कर सकती हैं। इसका प्रयोग ज्यादातर क्वॉरेंटाइन सेंटरों और आइसोलेशन वार्ड को संक्रमण से मुक्त करने के लिए किया जाएगा।यह वाटर प्रूफ भी है। आईआईटी गुवाहाटी के निर्देशक प्रोफेसर टीजी सीताराम ने केमिकल इंजीनियरिंग विभाग सेंथिल मुरुगन सुबैया के नेतृत्व में दो निजी कंपनियों के साथ मिलकर एक रिसर्च टीम का निर्माण किया गया जिसने इसे तैयार किया है।
शोधकर्ताओं के अनुसार यह यूवीसी प्रणाली सूक्ष्मा जीव संक्रमित जगह को स्वच्छ करने के लिए एक बेहतर तकनीक है। इस पूरे प्रोसीजर में हमारी टीम में एक ऐसी यू वी सी एल ई डी प्रणाली का निर्माण किया है जो मात्र 30 सेकंड में इस वायरस से संक्रमित जगहों को सैनिटाइज कर सकती है। यह एक वाइपर के आकार की है जो किसी भी बिना छेद वाली जगह को पूरी तरह से सैनिटाइज करने सक्षम है।
शोधकर्ताओं ने कहा कि हम इस तकनीक में सुधार करने की कोशिश कर रहे हैं जिससे छेद वाली जगह में भी छुपे हुए वायरसों को मारने की इसकी क्षमता बढ़ाने की कोशिशें की जा रही है। इसके लिए हम ओजोन सिस्टम का उपयोग भी कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि यह एक ऐसा सिस्टम है जो एक ऑब्जेक्ट मूवमेंट आइडेंटिटी फीचर से लैस है जिससे किसी भी मनुष्य के ऑपरेशन के दौरान उसकी त्वचा को यूवीसी एक्स्पोज़र से बचाया जा सकता है।
शोधकर्ताओं ने यह भी बताया कि इस तकनीक का मुख्य उद्देश्य कोरोना के बढ़ते संक्रमण को रोकना भी है। उन्होंने बताया कि उन्होंने साफ सफाई के लिए तीन प्रोटोटाइप का निर्माण किया है। जिनमें से एक अस्पताल के वार्डरे, बसों, महानगरों और रेलवे डिब्बे जैसे बड़े स्थानों को साफ करने के लिए बनाया गया है जिन्हें कोरोनावायरस के मरीजों की देखभाल करने के लिए आइसोलेशन वार्ड में बदल दिया गया है
शोधकर्ताओं ने बताया कि कोरोनावायरस संक्रमित मरीजों की जांच के लिए बनाई गई तकनीको का वाटर प्रूफ होना भी बहुत जरूरी है। वैश्विक स्तर पर हमारा देश आज कई बाहरी देशों को भी चिकित्सा सामग्री भेज रहा है ऐसे में यह बेहद जरूरी हो जाता है कि उसकी गुणवत्ता अच्छी हो। इस बात को ध्यान में रखते हुए आईआईटी गुवाहाटी बहुत सारी कंपनियों को टेक्निकल सपोर्ट भी कर रहा है जिससे पीपीआई को बेहतर बनाया जा सके।
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