गुस्से पर नियंत्रण के लिए नियमित ध्यान भी करना है जरूरी

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गुस्से पर नियंत्रण के लिए नियमित ध्यान भी करना है जरूरी

 आजकल गुस्सा और झल्लाहट हर वर्ग में देखने को मिल रहा है। गुस्सा एक प्रतिक्रियात्मक मानसिक आवेग है। कोई भी काम पसंद का नहीं हुआ तो क्रोध आने लगता है। क्रोधित व्यक्ति को इसका बिल्कुल ही एहसास नहीं होता है कि वह किस बात को लेकर नाराज हो रहा है। कई बार ऐसे कदम भी उठा लेते हैं जिससे जिंदगी भर पछताना पड़ता है। ध्यान, योग से इस पर नियंत्रण किया जा सकता है।

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एकांत में 10 मिनट बैठे
 जब गुस्सा आता है तो लोग कहते हैं कि उस बात से ध्यान हटाकर कहीं और दूसरी जगह व्यस्त करें। कुछ लोगों की सलाह है होती है की उल्टी गिनती शुरु कर दे, तो कोई कहता है कि 10 मिनट के लिए अकेले शांत जगह पर बैठ जाएं। यह सब तरीकों से लाभ मिलता है। लेकिन नियमित योग-ध्यान करने से गुस्सा नहीं आएगा। आप कोई भी फैसला लेने से पहले सोच-विचार जरूर करेंगे। इसके लिए सुबह के समय एकांत व शांत जगह पर बैठ जाएं। अपने इष्ट का ध्यान करें और लंबी सांस लें। इस क्रिया को रोज करें। फिर थोड़ा आराम करें और हाथ मुंह धोने के बाद ही पानी पीएं।

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10 से 15 मिनट रोजाना ध्यान के लिए समय निकालना चाहिए। सुबह का समय अच्छा होता है। शाम को भी कर सकते हैं।
गुस्से को नियंत्रण करने के लिए रीड की हड्डी के निचले हिस्से पर ध्यान लगाना होता है।

इन बातों का ध्यान रखें
 ललाट के बीचो-बीच जहां तिलक लगाते हैं, वहां ध्यान लगाएं । पूर्णिमा की तरह सफेद रंग के चांद को महसूस करें, ओम का उच्चारण करें।

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शशांक आसन से भी मिलता है आराम
 गुस्सा ना आए, इसके लिए रोज  पांच से 7 मिनट शशांक आसन करें। इससे तनाव व चिंता को भी बहुत हद तक कम किया जा सकता है। यही नहीं शशांक आसन से भय, शोक आदि को कम किया जा सकता है। यह आसन यकृत अर्थात लीवर और गुर्दों की सक्रियता को बढ़ाने और इन्हें स्वस्थ रखने के साथ ही उदर भाग को मजबूत बनाने व पाचन संबंधी परेशानियों को दूर करता है। जिन्हें कोई परेशानी है वह पहले विशेषज्ञ से सलाह लें इसके बाद ही कोई योगासन करें।

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