सिरदर्द दर्द का ही गंभीर रूप है माइग्रेन
आज सिरदर्द की समस्या आम हो गयी है। सिरदर्द धीरे-धीरे या अचानक विकसित हो सकता है और एक घंटे से कम समय से लेकर कई दिनों तक रह सकता है। इसके कारण सामान्य से लेकर गंभीर हो सकते हैं, जैसे शूगर या कैफीन का अधिक सेवन या मस्तिष्क में रक्तस्त्राव या ट्यूमर विकसित होने से सिरदर्द असहनीय हो और उस दौरान आप रोशनी और शोर को सहन न कर पा रहे हों, कमजोरी महसूस हो रही हो, उल्टी करने के बाद ही आपके सिर दर्द में कमी आये, तो यह समझ जाना चाहिए कि आप माइग्रेन के शिकार हैं।सिरदर्द बहुत ही सामान्य स्थिति है, जिसके कारण सिर, खोपड़ी या गर्दन में दर्द और परेशानी होती है। एक अनुमान के अनुसार 10 में से 7 लोगों को साल में कम से कम एक बार गंभीर सिरदर्द की समस्या का सामना करना पड़ता है। सिरदर्द के कारण काम में ध्यान केंद्रित करने और दूसरी दैनिक गतिविधियां करने में समस्या आती है। लेकिन अधिकतर सिरदर्द को दवाइयों और जीवनशैली में परिवर्तन लाकर ठीक किया जा सकता है। सिरदर्द तीन प्रकार के होते हैं-टेन्शन हेडएक, क्लस्टर हेडएक और माइग्रेन।
टेंशन हेडएक : टेंशन हेडएक सबसे सामान्य प्रकार है और यह 20 वर्ष से अधिक की महिलाओं को अधिक होता है। ऐसा लगता है, जैसे किसी ने सिर के आसपास कसकर कोई पट्टा बांध दिया हो। यह गर्दन और खोपड़ी की मांसपेशियों के टाइट होने से होता है। खराब पॉस्चर और तनाव इसके सबसे बड़े रिस्क फैक्टर्स हैं। यह आमतौर पर कुछ मिनटों तक रहता है, लेकिन कुछ मामलों में कई दिनों तक रह सकता है, बार-बार भी हो सकता है।
क्लस्टर हेडएक : यह नॉन थ्रोबिंग हेडएक है। इसमें सिर के एक ओर तेज दर्द होता है, आंखों से आंसू निकलने लगते हैं और नाक बहने लगती है। यह लंबे समय तक रह सकता है, जिसे क्लस्टर पीरियड्स कहते हैं। ये क्लस्टर पीरियड छह सप्ताह तक लंबा हो सकता है। रोज हो सकता है और दिन में एक बार से अधिक हो सकता है। हालांकि इस सिरदर्द के मामले कम ही देखे जाते हैं।
माइग्रेन : लंबे समय तक चलनेवाला सिरदर्द आगे चलकर माइग्रेन का रूप लेता है। यह कुछ घंटे से लेकर कई दिनों तक रह सकता है। अभी हाल के दिनों तक माना जाता था कि माइग्रेन संवहनी होता है, जो मस्तिष्क की रक्त नलिकाओं के फैलने और सिकुड़ने के कारण होता है। लेकिन कई अनुसंधानों में यह बात सामने आयी है कि माइग्रेन केंद्रीय तंत्रिका तंत्र की गड़बड़ी के कारण होता है, जिसके कारण न्यूरोट्रांसमीटर्स का संचरण प्रभावित होता है और विशेष रूप से सेरोटोनिन का असंतुलन हो जाता है।
माइग्रेन के दो प्रकार के होते हैं : क्लासिकल और नॉन क्लासिकल। जब माइग्रेन का दर्द 'ऑरा' (दृष्टि संबंधी गड़बड़ी) के बाद शुरू होता है, तो इसे क्लासिकल माइग्रेन कहते हैं। इसमें आमतौर पर सिरदर्द के 10-15 मिनट पहले ऑरा के लक्षण दिखाई देने लगते हैं। जब सिरदर्द बिना 'ऑरा' और दूसरे लक्षणों के साथ शुरू होता है, तब इसे नॉन क्लासिकल या सामान्य माइग्रेन कहते हैं।
माइग्रेन के लक्षण
जी मिचलाना और उल्टी होना
सिरदर्द के दौरान धुंधला दिखई देना
थोड़ी भी रोशनी और शोर में दर्द असहनीय रूप से बढ़ जाना
काम करने में अत्यधिक कमजोरी व शरीर में दर्द महसूस
बालों को बांधने में भी परेशानी होना
सोचने की क्षमता प्रभावित होना
कभी-कभी बोलते समय अटकना
बरतें ये सावधानियां
रक्त में शूगर का स्तर कम न होने दें। नियत समय पर खाना खाएं,
नाश्ता मिस न करें।
तनाव न लें। दिमाग को शांत रखने के लिए ध्यान व योग करे।
शारीरिक रूप से सक्रिय रहे।
रोज 30 मिनट वर्कआउट करें।
6-8 घंटे की गहरी नींद लें। गैजेट्स का प्रयोग कम करें, विशेष रूप से सोने के पहले।
पानी और दूसरे तरल पदार्थों का सेवन पर्याप्त मात्रा में करें।
माइग्रेन के ट्रिगर के कारण
वैसे तो माइग्रेन के वास्तविक कारणों का पता नहीं है. अक्सर देखा जाता है कि माइग्रेन एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में हस्तांतरित होता है।
मनोवैज्ञानिक समस्याएं, जैसे- उत्तेजना और गहरा अवसाद या न्यूरॉटिक डिस्ऑर्डर माइग्रेन के खतरे को बढ़ा देते हैं। इसके अलावा, तनाव में रहना, नींद में कमी, भूखे पेट रह जाना, अल्कोहल लेना, शारीरिक क्षमता से अधिक कार्य करना भी इसे बढ़ावा देते हैं।
तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें
सिरदर्द किसी गंभीर स्थिति जैसे स्ट्रोक, मेनिनजाइटिस या एनसेफेलिटिस का लक्षण हो सकता है। अगर सिरदर्द के साथ ये लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करे। जैसे- भ्रमित होना, बेहोशी छा जाना, तेज बुखार, सुन्नपन, कमजोरी या शरीर का एक भाग लकवाग्रस्त हो जाना, गर्दन में अकड़न, देखने, बोलने, चलने में परेशानी आना, जी मिचलाना या उल्टी होना।
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